Karpoori Thakur : Karpoori Thakur (1924-1988) एक भारतीय राजनेता थे जिन्होंने 11वें मुख्यमंत्री के रूप में दो कार्यकाल तक कार्य किया
उनका जन्म नाई जाति में गोकुल ठाकुर और रामदुलारी देवी के घर पितौंझिया गाँव में हुआ था जिसे अब कर्पूरी ग्राम के नाम से जाना जाता है।
Karpoori Thakur ने सामाजिक न्याय और वंचितों के अधिकार की वकालत करते हुए प्रमुख भूमि सुधारों की शुरुआत की, जिससे जमीदार से भूमिहीन दलितों को भूमि का वितरण बड़े पैमाने पर हुआ, जिससे उन्हें “जन नायक” या “लोगों के नायक” की उपाधि मिली, उनकी नीतियों और सुधारों में विशेष रूप से शिक्षा के क्षेत्र; रोजगार और पूर्व कल्याण का कई लोगों के जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ा।
1988 में उनकी मृत्यु के बाद जन्म स्थान पितौंझिया का नाम बदलकर कर्पूरी ग्राम कर दिया गया।
बक्सर में जन नायक कर्पूरी ठाकुर विधि विद्यालय और मधेपुरा में जननायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज का नाम भी उनके नाम पर रखा गया था।
2024 में उनकी जन्म शताब्दी की पूर्व संध्या पर Karpoori Thakur को मरणोपरांत भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया गया।